फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंनेफ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंनेउसने माँगा वो सब दे दिया मैंनेवो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयीसमझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने
वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर किवो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर किजैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहींकितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल नेफिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं