इन आँखों से दिन रातइन आँखों से दिन रात..इन आँखों से दिन रात बरसात होगीअगर ज़िंदगी सर्फ-ए-जज़्बात होगीमुसाफ़िर हो तुम भी मुसाफ़िर हैं हम भीकिसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगीसदाओं की अल्फ़ाज़ मिलने ना पायेंना बादल घेरेंगे ना बरसात होगीचिरागों को आँखों मे महफूज रखनाबड़ी दूर तक रात ही रात होगीअजल-ता-अब्द तक सफर हीं सफर हैकहीं सुबह होगी कहीं रात होगी