तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैंतपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैंगए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैंहम इर्द-गिर्द के मौसम से जब भी घबरायेतेरे ख्याल की छाओं में बैठ जाते हैं
सर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा हैसर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा हैतनहा रात में इंतज़ार कितना अलग सा हैधुंध बनी नक़ाब और छुपा लिया सितारों कोउनकी तन्हाई का अब एहसास कितना अलग सा है
मौसम बड़ा बेहाल हैमौसम बड़ा बेहाल हैसुर है, न ताल हैमैसेज बॉक्स भी कंगाल हैक्या आपकी मैसेज फैक्ट्री में भी हड़ताल है
फ़िज़ाओं का मौसम जाने परफ़िज़ाओं का मौसम जाने पर, बहारों का मौसम आयागुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालों पे आयातेरे नैनों ने काली घटा का काजल लगायाजवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया
मौसम की तरह बदल देते हैं लोग हमनफस अपनामौसम की तरह बदल देते हैं लोग हमनफस अपनाहमसे तो अपना सितमगर भी बदला नहीं जाता
अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन सेअजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन सेनज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन सेवो और थे जिसे तू जानता था बरसों सेमैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से