लौट जाती है दुनिया गम हमारा देख करलौट जाती है दुनिया गम हमारा देख करजैसे लौट जाती हैं लहरें किनारा देखकरतुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े कोकहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर
दुनिया वालों ने तो फकत उसको हवा दी थीदुनिया वालों ने तो फकत उसको हवा दी थी; लोग तो घर ही के थे आग लगाने वाले
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करनादुनिया में किसी से कभी प्यार मत करनाअपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करनाकांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैंफूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहेखून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहेदिल नहीं मानता कौन दिल से कहेतेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहेसुख ये पाया कि हमने बहुत दुःख सहे
ज़ख़्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैज़ख़्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैज़ख़्म देकर पूछते हैं कि हाल कैसा हैकिसी एक से गिला अब क्या करें हमयहाँ तो सारी दुनिया का मिज़ाज़ एक जैसा है
यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता हैकह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तानफिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है