भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामतभूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामततो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता हैमेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरनातेरी तरह बदल जाना हमें भी आता है
हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते!!हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते!क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की!!
कैसे कह दूँ कि बदले में कुछ नहीं मिलाकैसे कह दूँ कि बदले में कुछ नहीं मिलासबक भी कोई छोटी चीज तो नहीं है!
तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकतीतेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकतीमगर है इस से यह मुमकिन कि तू बदल जायेतेरी दुआ है कि हो तेरी आरज़ू पूरीमेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जायेअनुवादकज़ा = भाग्