हम आह भी भरते हैं तो बदनाम होते हैंहम आह भी भरते हैं तो बदनाम होते हैंवो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकरसुकून मिल गया मुझको बदनाम होकरआपके हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकरलोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बतचाहे कर दो इनकार यूँ ही अनजान होकर