फ़िज़ा में महकती शाम हो तुमफ़िज़ा में महकती शाम हो तुमप्यार में झलकता जाम हो तुमसीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारीइसीलिए मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम
नजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होतानजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होताकहीं पे रुक जाना किसी का इंतज़ार नही होताअरे प्यार तब तक नही होता, जब तक इजहार नही होता
हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लियाहमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लियानहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत कियावो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गएख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया
लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनमलगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनमहाय मेरी पाक मुहब्बत परलगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हमप्यार की निशानी समझ कर।
नहीं करती थी प्यार तोनहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होतागौर फरमाइएगानहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होताबुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो सेतो ना पिटवाया होता
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारेमेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारेमेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना