धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता हैधरती के गम छुपाने के लिए गगन होता हैदिल के गम छुपाने के लिए बदन होता हैमर के भी छुपाने होंगे गम शायदइसलिए हर लाश पर कफ़न होता है
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत परलिख दूं किताबें तेरी मासूमियत पर, फिर डर लगता हैकहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार ना हो जाये