दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो हैदिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो हैलम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो हैदिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो हैलम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
करूँगा क्या जो हो गया नाकाम मोहब्बत मेंकरूँगा क्या जो हो गया नाकाम मोहब्बत मेंमुझे तो कोई और काम भी नहीं आता इसके सिवा