अपना समझा तो कह दिया वरनाअपना समझा तो कह दिया वरनागैरों से तो कोई गिला नहीं होताकुछ न कुछ पहले खोना पड़ता हैमुफ्त में तो कोई तज़ुर्बा नहीं मिलता