नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैंनसीब आज़माने के दिन आ रहे हैंक़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैंजो दिल से कहा है जो दिल से सुना हैसब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीबठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीबराह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं