मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तोमशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तोइलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगेथोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलोसीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे
हो गया हूँ मशहूर तो ज़ाहिर है दोस्तोहो गया हूँ मशहूर तो ज़ाहिर है दोस्तोइलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगेथोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलोसीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे
ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार हैये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार हैहद्द-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है
मैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूँ अपनी मौत का दोस्तोमैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूँ अपनी मौत का दोस्तोयहाँ तो सताने वाले भी अपने थे और दफ़नाने वाले भी अपने