ना जाने कब कोई अपना रूठ जाएना जाने कब कोई अपना रूठ जाएना जाने कब कोई अश्क आँखों से छूट जाएकुछ पल हमारे साथ भी मुस्कुरा लिया करो ए दोस्तन जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाएँ
मेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देनामेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देना, ऐ दोस्तक्या पता, तेरे लब हिलें और मेरी तकदीर सवर जाये
दरवाज़े बड़े करवा लिए हैं हमने भी अपने आशियाने केदरवाज़े बड़े करवा लिए हैं हमने भी अपने आशियाने केक्योंकि कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाकर