हर सफर की मंजिल हो ये जरूरी तो नहींहर सफर की मंजिल हो ये जरूरी तो नहींकुछ रास्ते एक मोड़ पर खत्म होते देखे हैं मैंने
ये देखो फिर से आ गईं फूलों पे तितलियाँये देखो फिर से आ गईं फूलों पे तितलियाँइक रोज़ वो भी आएगा अफ़्सोस मत करो
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बादएक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाददूसरा सपना देखने के हौसले को 'ज़िंदगी' कहते हैं
उठने लगे हैं अब तो इस बात पे सवालउठने लगे हैं अब तो इस बात पे सवालवो मेरी तरफ मुस्कुरा के देखते क्यों हैं
वो आये बज़्म में इतना तो मीर ने देखावो आये बज़्म में इतना तो मीर ने देखाफिर उसके बाद चिरागो में रौशनी ही नहीं रही
ज़ाया ना करो अपने अल्फाज़ हर किसी के लिएज़ाया ना करो अपने अल्फाज़ हर किसी के लिएथोड़ा ख़ामोश रह कर भी देखो कि तुम्हें समझता कौन है