बर्बादी का दोष दुश्मनों को देता रहा मैं अब तलकबर्बादी का दोष दुश्मनों को देता रहा मैं अब तलकदोस्तों को भी परख लिया होता तो अच्छा होतायूँ तो हर मोड़ पर मिले कुछ दगाबाज लेकिनआस्तीन को भी झठक लिया होता तो अच्छा होता