यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता हैकह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तानफिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायेंतेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायेंवही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायेंकोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जातावही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें
जब्त कहता है ख़ामोशी से बसर हो जायेजब्त कहता है ख़ामोशी से बसर हो जायेदर्द की ज़िद्द है कि दुनिया को खबर हो जाये
कभी थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों सेकभी थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों सेहमें आवाज़ दे देना, हम अक्सर अकेले होते हैं
संगदिलों की दुनिया है येसंगदिलों की दुनिया है ये, यहाँ सुनता नहीं फ़रियाद कोईयहाँ हँसते हैं लोग तभी, जब होता है बरबाद कोई