चिलमन का उलट जाना ज़ाहिर का बहाना हैचिलमन का उलट जाना ज़ाहिर का बहाना हैउनको तो बहर-सूरत इक जलवा दिख़ाना हैचिलमन: घूंघज़ाहिर: स्पष्बहर-सूरत: हर हाल मे
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाताकितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जातागंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाताएक बार जी भर के देख लो इस चहेरे कोक्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता
दर्द कितना है बता नहीं सकतेदर्द कितना है बता नहीं सकतेज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकतेआँखों से समझ सको तो समझ लोआँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते
सो जा ऐ दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर मेंसो जा ऐ दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर मेंअपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।
आज धुन्ध बहुत है मेरे शहर मेंआज धुन्ध बहुत है मेरे शहर मेंअपने दिखते नहीं, और जो दिखते है वो अपने नहीं