मोहब्बतों में दिखावे कीमोहब्बतों में दिखावे की..मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला;अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला;.घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे;बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला;तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था;फ़िर उस के बाद मुझे कोई अजनबी न मिला;ख़ुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैनें;बस एक शख्स को माँगा मुझे वही न मिलाबहुत अजीब है ये नजदीकियों की दूरी भी; वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला
मोहब्बतों में दिखावे कीमोहब्बतों में दिखावे की..मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिलाअगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिलाघरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थेबहुत तलाश किया कोई आदमी ना मिलातमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड आया थाफिर इसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिलाबहुत अजीब है ये कुरबतों की दूरी भीवो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिलाखुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंनेबस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला
मैं क़ाबिल-ए-नफ़रतमैं क़ाबिल-ए-नफ़रत, हूँ तो छोड़ दो मुझकोमगर यूं मुझसे दिखावे की मोहब्बत ना किया करो