ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिलेऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिलेतुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिलेएक तेरी जुदाई के दर्द की बात और हैजिन को न सह सके ये दिल, ऐसे तो गम नहीं मिले
उनके ख्यालों ने कभी हमें खोने नहीं दियाउनके ख्यालों ने कभी हमें खोने नहीं दियाजुदाई के दर्द ने हमें कभी खामोश होने नहीं दियाआँखे तो आज भी उनके इंतज़ार में रोती हैंमगर उनकी मुस्कुराहट ने हमें आज भी रोने नहीं दिया
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थेहम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थेतेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थेकिस बात की सजा दी तुने हमको बेवफाहम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे