हमने कब माँगा है तुमसे वफाओं का सिलसिलाहमने कब माँगा है तुमसे वफाओं का सिलसिलाबस दर्द देते रहा करो, मोहब्बत बढ़ती जायेगी
तेरे पास आने को जी चाहता हैतेरे पास आने को जी चाहता हैफिर से दर्द सहने को जी चाहता हैआज़मा चुके हैं अब ज़माने को हमबस तुझे आज़माने को जी चाहता है
'दर्द' के मिलने से ऐ यार बुरा क्यों माना'दर्द' के मिलने से ऐ यार बुरा क्यों मानाउस को कुछ और सिवा दीद के मंज़ूर न था