इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकतइसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकतआँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही था
अफसोस ये नहीं है कि दर्द कितना हैअफसोस ये नहीं है कि दर्द कितना हैअफसोस तो ये है कि बस तुम्हें परवाह नहीं
मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौनमुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौनआवाजों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौनसदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोजलेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन
आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैंआहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैंकुछ के दर्द मिटाने बाकी हैं कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं