दरिया वफाओं का कभी रुकता नहींदरिया वफाओं का कभी रुकता नहींमोहब्बत में इंसान कभी झुकता नहींखामोश हैं हम उनकी ख़ुशी के लिएवो समझते हैं कि दिल हमारा दुखता ही नहीं
हम भी दरिया हैहम भी दरिया है..हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम हैजिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगाकितनी सच्चाई से, मुझसे ज़िंदगी ने कह दियातु नहीं मेरा तो कोई,और हो जाएगामैं खूदा का नाम लेकर, पी रहा हूँ दोस्तोज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगासब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बु, ज़मीनो-आस्माँमैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा