मुझे अपने चंद सवालोंमुझे अपने चंद सवालों..मुझे अपने चंद सवालों का जवाब चाहिएतुम्हारे दिल में थोड़ी सी जगह चाहिएतुझ को मेरे सिवा किसी और का ख़याल ना रहेतेरी ज़िंदगी में मुझको वो मुक़ाम चाहिएजो वक़्त भी हम ने तेरे बिना गुज़ारे हैंवापिस मुझे वो अपने शब्-ओ-रोज़ चाहिएतेरी ज़िंदगी में मेरी क्या अहमियत है रज़ासब कुछ छोड़, इस बात का जवाब चाहिए
तुमने यह फूलतुमने यह फूल..तुमने यह फूल जो ज़ुल्फ़ों में लगा रखा हैएक दीया है जो अंधेरे में जला रखा हैजीत ले जाये कोई मुझे नसीबों वालाज़िंदगी ने मुझे दाव् पे लगा रखा हैजाने कब आया कोई दिल में झांकने वालाइस लिए मैने गिरेबान को खुला रखा हैइम्तिहान और मेरी ज़ब्त का तुम क्या लोगेमैने धड़कन को भी सीने में छिपा रखा है।
सोच में उनकेसोच में उनके..सोच में उनके ईमान होतब तो कोई समाधान होकोई ज़रिया दिखाई तो देकोई मुश्किल तो आसान होहद है तेरे लिए ज़िंदगीकोई कितना परेशान होऔर कुछ हो ना हो आदमीआदमी एक इंसान होउसको फिर और क्या चाहिएदिल में जीने का अरमान हो