टूटे हुए दिलों कीटूटे हुए दिलों की..टूटे हुए दिलों की दुआ मेरे साथ हैदुनिया तेरी तरफ है ख़ुदा मेरे साथ हैआवाज़ घुंघरुओं की नहीं है तो क्या हुआसागर के टूटने की सदा मेरे साथ हैतन्हाई किस को कहते हैं मुझ को पता नहींक्या जाने किस हसीं की दुआ मेरे साथ हैपैमाना सामने है तो कुछ ग़म नहीं निज़ामअब दर्द-ए-दिल की कोई दवा मेरे साथ है
टूटे हैं शीशा दिल हाय दिल इतने के हल-ए-दर्दटूटे हैं शीशा दिल हाय दिल इतने के हल-ए-दर्दरखते हैं पाँव ख़ाक पर सौ बार देख कर
टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आताटूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आताइश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आताऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचाकि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गएटूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गएकिसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्तेकुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्तेहर कदम पर काँच बन कर जख्म देते हैं
मैंने कब चाहा किमैंने कब चाहा कि..मैंने कब चाहा कि मैं उस की तमन्ना हो जाऊँये भी क्या कम है अगर उस को गवारा हो जाऊँमुझ को ऊँचाई से गिरना भी है मंज़ूर, अगरउस की पलकों से जो टूटे, वो सितारा हो जाऊँलेकर इक अज़्म उठूँ रोज़ नई भीड़ के साथफिर वही भीड़ छटे और मैं तनहा हो जाऊँजब तलक महवे-नज़र हूँ, मैं तमाशाई हूँटुक निगाहें जो हटा लूं तो तमाशा हो जाऊँमैं वो बेकार सा पल हूँ, न कोइ शब्द, न सुरवह अगर मुझ को रचाले तो हमेशा हो जाऊँआगही मेरा मरज़ भी है, मुदावा भी है 'साज़'जिस से मरता हूँ, उसी ज़हर से अच्छा हो जाऊँ