बदलेंगे नहीं ज़ज़्बात मेरे तारीखों की तरहबदलेंगे नहीं ज़ज़्बात मेरे तारीखों की तरहबेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी
आईने में क्या चीज़ अभी देख रहे थेआईने में क्या चीज़ अभी देख रहे थेफिर कहते हो अल्लाह की कुदरत नहीं देखी
मिलना इत्तिफाक थामिलना इत्तिफाक था, बिछड़ना नसीब थावो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब थाहम उसको देखने क लिए तरसते रहेजिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था
चल रहे हैं इस दौर में रिश्वतों के सिलसिलेचल रहे हैं इस दौर में रिश्वतों के सिलसिलेतुम भी कुछ ले देके मेरे क्यों नही हो जाते
बडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरीबडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरीदेख कर जाने क्यों लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थे