चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगीचीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगीग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगीजिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिएसज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखोआओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखोमेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखोकिस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा सेआओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो