जिंदगी दिन प्रतिदिन मजदूर हुई जा रही हैजिंदगी दिन प्रतिदिन मजदूर हुई जा रही हैऔर लोग 'इंजीनियर साहब' कहके ताने दिए जा रहे हैं
सागर में गहराई होती हैसागर में गहराई होती हैयादों में तन्हाई होती हैइस व्यस्त जिंदगी में कौन किसको याद करता हैऔर अगर कोई करता है तो उसकी यादों में सच्चाई होती है
अजीब लगती है शाम कभी-कभीअजीब लगती है शाम कभी-कभीजिंदगी लगती है बेजान कभी-कभीसमझ में आये तो हमें भी बताना किक्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी