कभी संभले तो कभी बिखरते आये हमकभी संभले तो कभी बिखरते आये हमजिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हमयूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमेंमगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम
जब किसी ने पूछा हमसे कैसी है अब जिंदगीजब किसी ने पूछा हमसे कैसी है अब जिंदगीहमने भी मुस्कुरा कर कह दिया खुश है अब वो हमसे जुदा होकर
यूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैयूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैमगर झूठी हँसी हँसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है
तेरे बगैर इस जिंदगी की हमें जरुरत नहींतेरे बगैर इस जिंदगी की हमें जरुरत नहींतेरे सिवा हमें किसी और की चाहत नहींतुम ही रहोगे हमेशा मेरे दिल मेंकिसी और को इस दिल में आने की इजाजत नहीं
इश्क़ में कोई खोज नहीं होतीइश्क़ में कोई खोज नहीं होतीयह हर किसी से हर रोज नहीं होतीअपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझनाक्योंकि पलकें कभी आँखों पर बोझ नहीं होती
अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पायाअगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पायातो बिना झिझक कह देना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी हैऔर जो पाया वो मेरे रब की मेहरबानी है!