जिंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जायेजिंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जायेशौक जीने का है मगर इतना भी नहीं कि मर मर कर जिया जायेजब जलेबी की तरह उलझ ही रही है तू ए जिंदगीतो फिर क्यों न तुझे चाशनी में डुबा कर मजा ले ही लिया जाये
बड़ी चालाक होती है ये जिंदगी हमारीबड़ी चालाक होती है ये जिंदगी हमारीरोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
Hindi Shayari, Zillat ki zindagi se achha haiजिल्लत की जिंदगी से अच्छा है शान से मर जानामौत से बदतर है मौत के खौफ से डर जाना जिन्दादिली है जिंदगी को मुस्कुरा के जीनबुजदिली है दौरे गम में टूटकर बिखर जाना…!