जिस अफ़साने को अंजाम तक लाना ना हो मुमकिनजिस अफ़साने को अंजाम तक लाना ना हो मुमकिनउसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना ही अच्छा
तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारोतुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारोये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं