चुपके चुपके कोई गम का खाना हम से सीख जायेचुपके चुपके कोई गम का खाना हम से सीख जायेजी ही जी में तिलमिलाना कोई हम से सीख जायेअब्र क्या आँसू बहाना कोई हमसे सीख जायेबर्क क्या है तिलमिलाना कोई हम से सीख जाये
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते होचुपके से आकर इस दिल में उतर जाते होसांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते होकुछ यूँ चला है तेरे 'इश्क' का जादूसोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो