बच्चे किसी ग़रीब के आपस में में लड़ गयेबच्चे किसी ग़रीब के आपस में में लड़ गयसिक्का ज़मीं पे वो गिरा के अच्छा नहीं किया
धन से बेशक गरीब रहो पर दिल से रहना धनवानधन से बेशक गरीब रहो पर दिल से रहना धनवानअक्सर झोपडी पे लिखा होता है सुस्वागतमऔर महल वाले लिखते है कुत्ते से सावधान
मुक्कदर का गरीबमुक्कदर का गरीब, दिल का अमीर थामिलकर बिछड़ना मेरा नसीब थाचाह कर भी कुछ कर न सके हमघर जलता रहा और समुन्दर करीब था
उस रात गरीब माँ ने यह कह के बच्चों को सुला दियाउस रात गरीब माँ ने यह कह के बच्चों को सुला दियाफ़रिश्ते ख्वाब में आते है रोटियां ले कर
True Shayari, Jab bhi dekhta huजब भी देखता हूँ .किसी गरीब को हँसते हुए .तो यकीन आ जाता है .की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता.