ख़ुद न छुपा सके वो अपना चेहरा नक़ाब मेंख़ुद न छुपा सके वो अपना चेहरा नक़ाब मेंबेवज़ह हमारी आँखों पे इल्ज़ाम लग गया
उसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकीउसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकीचाहता हूँ कि सुनूं उससे जुबानी उसकीवो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसीक्योंकि सितम करना भी आदत हैं पुरानी उसकी
उसका चेहरा भी सुनाता है कहानी उसकीउसका चेहरा भी सुनाता है कहानी उसकीचाहती हूँ कि सुनूँ उस से ज़ुबानी उस कीवो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसीऔर सितम करना भी आदत पुरानी उसकी
ख्याल में आता है जब भी उसका चेहराख्याल में आता है जब भी उसका चेहरातो लबों पे अक्सर फरियाद आती हैभूल जाता हूँ सारे गम और सितम उसकेजब भी उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है
ख्याल में आता है जब भी उसका चेहराख्याल में आता है जब भी उसका चेहरातो लबों पे अक्सर फरियाद आती हैभूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसकेजब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है
नहीं भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरानहीं भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरातुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है