मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहींमुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं;फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहींऔर कितने आंसू बहाऊँ उस के लिएजिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।
हम ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डालाहम ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डालाहोश तब आया जब उस ने कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता
कौन कहता है मोहब्बत की ज़ुबान होती हैकौन कहता है मोहब्बत की ज़ुबान होती हैहोंठों के बिना खुले ही हक़ीक़त बयां होती हैइश्क़ वो खुदायी है मेरे दोस्तजो लफ़्ज़ों से नहीं आँखों से बयां होती है