खुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंनेखुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंनेबस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला
खुदा तू भी कारीगर निकलाखुदा तू भी कारीगर निकलाखींच दी दो - तीन लकीरें हाथों में और ये भोला आदमी उसे तकदीर समझ बैठा
कहते हैं लोग खुदा की इबादत हैकहते हैं लोग खुदा की इबादत हैये मेरी समझ में तो एक जहालत हैचैन न आए दिल को, रात जाग के गुजरेजरा बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है
वो लाख तुझे पूजती होगी मगर तू खुश न हो ऐ खुदावो लाख तुझे पूजती होगी मगर तू खुश न हो ऐ खुदावो मंदिर भी जाती है तो मेरी गली से गुजरने के लिए