ये कह कर खुदा ने कर दिया हर गुनाह से आज़ाद मुझेये कह कर खुदा ने कर दिया हर गुनाह से आज़ाद मुझेकि तू तो पहले से ही मोहब्बत किये बैठा है, अब इस से बड़ी कोई और सजा मेरे पास नही
खुदा जानेखुदा जाने, प्यार का दस्तूर क्या होता हैजिन्हें अपना बनाया, वो न जाने क्यों दूर होता है;कहते हैं कि मिलते नहीं ज़मीन आसमान;फिर न जाने क्यूँ, आसमान ज़मीन का सरूर होता है
काश की खुदा ने दिल पत्थर के बनाये होतेकाश की खुदा ने दिल पत्थर के बनाये होतेतोड़ने वाले के हाथों में जख्म तो आए होते
संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन कोसंग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन कोबाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदामोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदाकिस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे