रात की खामोशी रास नहीं आतीरात की खामोशी रास नहीं आतीमेरी परछाईं भी अब मेरे पास नहीं आतीकुछ आती भी है तो बस तेरी यादजो आकर भी एक पल भी मुझसे दूर नहीं जाती