ज़रा-सी देर मेंज़रा-सी देर में..ज़रा-सी देर में दिलकश नज़ारा डूब जायेगाये सूरज देखना सारे का सारा डूब जायेगान जाने फिर भी क्यों साहिल पे तेरा नाम लिखते हैंहमें मालूम है इक दिन किनारा डूब जायेगासफ़ीना हो के हो पत्थर, हैं हम अंज़ाम से वाक़िफ़तुम्हारा तैर जायेगा हमारा डूब जायेगासमन्दर के सफर में किस्मतें पहलू बदलती हैंअगर तिनके का होगा तो सहारा डूब जायेगामिसालें दे रहे थे लोग जिसकी कल तलक हमकोकिसे मालूम था वो भी सितारा डूब जायेगा