हमारी किस्मत हमें दगा दे गईहमारी किस्मत हमें दगा दे गईज़िंदगी भर अकेले रहने की सज़ा दे गईजिन्हें हमने जान से भी ज्यादा प्यार कियावही हमें हर पल मरने की सज़ा दे गई
ये ना थी हमारी किस्मत कि विशाल-ए-यार होताये ना थी हमारी किस्मत कि विशाल-ए-यार होताअगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती हैकिस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती हैजो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती हैकितने खाएं हैं धोखे इस मोहब्बत की राहों मेंफिर भी आँखें उसी के इंतज़ार में क्यों रोती हैं
वो मेरी किस्मत मेरी तकदीर हो गयीवो मेरी किस्मत मेरी तकदीर हो गयीहमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे किवह 'रद्दी' बेचकर ही अमीर हो गयी
वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गईवो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गईहमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे किवो रद्दी बेचकर अमीर हो गई