तु वो ज़ालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा ना बन सकातु वो ज़ालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा ना बन सकाऔर दिल वो काफ़िर जो मुझ में रह कर भी तेरा हो गया