कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैंकभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैंइश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैंझूठ बोलता होगा कभी चाँद भीइसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं
तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहींतुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहींहम भी अपने ख्वाब तेरी आँखों में रख कर भूल गए
आदतन तुमने कर दिए वादेआदतन तुमने कर दिए वादे, आदतन हमने ऐतबार कियातेरी राहों में बारहा रुक हमने अपना ही इंतज़ार किया;अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया