झुकी झुकी नजर तेरी कमाल कर जाती हैझुकी झुकी नजर तेरी कमाल कर जाती हैउठती है एक बार तो सवाल कर जाती है
ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होताये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होतामेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होतामैं लौट आती तेरे पास एक लम्हे मेंतेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता
किसी को अपना बनाने के लिए हमारी सारी खूबियाँ भी कम पड़ जाती हैंकिसी को अपना बनाने के लिए हमारी सारी खूबियाँ भी कम पड़ जाती हैंजबकि किसी को खोने के लिए एक कमी ही काफी है!