इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता हैइश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता हैदीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता हैजब होता है नशा मोहब्बत कातो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है
हम वो फूल हैं जो रोज़ रोज़ नहीं खिलतेहम वो फूल हैं जो रोज़ रोज़ नहीं खिलतेयह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलतेहम से बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हेंहम वो दोस्त हैं जो रोज़ रोज़ नहीं मिलते
छुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नही हुआ करतेछुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नही हुआ करतेकुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते