आपने नज़र से नज़र कब मिला दीआपने नज़र से नज़र कब मिला दीहमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दीजुबां से तो हम कुछ भी न कह सकेपर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी
नज़र को नज़र की खबर न लगेनज़र को नज़र की खबर न लगेकोई अच्छा भी इस कदर न लगेआपको देखा है बस उस नज़र सेजिस नज़र से आपको नज़र न लगे
खुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ताखुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ताकिया जाता है पानी में सफ़र आहिस्ता आहिस्ताकोई ज़ंजीर फिर वापस वहीं पर ले के आती हैकठिन हो राह तो छूटता है घर आहिस्ता आहिस्ता