उदास कर देती हैं ये शामें मुझे कभी-कभीउदास कर देती हैं ये शामें मुझे कभी-कभी...!!ऐसा लगता हैं जैसे कोई भुला रहा हो मुझे धीरे-धीरे...!!
चाहे जिधर से गुज़रियेचाहे जिधर से गुज़रियमीठी सी हलचल मचा दिजियेउम्र का हरेक दौर मज़ेदार हअपनी उम्र का मज़ा लिजियेज़िंदा दिल रहिए जनाबये चेहरे पे उदासी कैसवक्त तो बीत ही रहा है*उम्र की एेसी की तैसी.. !
अहमियत आपकी क्या है बता नही सकतेअहमियत आपकी क्या है बता नही सकतेरिश्ता क्या है आपसे समझा नही सकतेआप हमारे लिए इतने खास होअगर आप उदास हो तो हम मुस्कुरा नही सकते
रूह प्यासीरूह प्यासी..रूह प्यासी कहाँ से आती हैये उदासी कहाँ से आती हैदिल है शब दो का तो ऐ उम्मीद तू निदासी कहाँ से आती हैशौक में ऐशे वत्ल के हन्गामनाशिफासी कहाँ से आती हैएक ज़िन्दान-ए-बेदिली और शामये सबासी कहाँ से आती हैतू है पहलू में फिर तेरी खुशबूहोके बासी कहाँ से आती है
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गयाएक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गयावो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गयानोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबासज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया
उदासी तुम पे बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे किउदासी तुम पे बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे किकितना दर्द होता है नज़र अंदाज़ करने से