दिल को किसी आहट की आस रहती हैदिल को किसी आहट की आस रहती हैनिगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती हैतेरे बिना ज़िंदगी में कोई कमी तो नहींलेकिन फिर भी तेरे बिना ज़िदगी उदास रहती है
बहुत उदास है कोई तेरे जाने सेबहुत उदास है कोई तेरे जाने सेहो सके तो लौट आ किसी बहाने सेतू लाख खफा सही पर एक बार तो देखकितना कचरा जमा है तेरे न आने से
तुम्हें जब कभी मिले फुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दोतुम्हें जब कभी मिले फुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दोमैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो