ख्याल में आता है जब भी उसका चेहराख्याल में आता है जब भी उसका चेहरातो लबों पे अक्सर फरियाद आती हैभूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसकेजब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है
नहीं भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरानहीं भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरातुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख नेचेहरा बता रहा था कि मारा है भूख नेसब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया