हमें उनकी इबादत से फुर्सत नहीं मिलतीहमें उनकी इबादत से फुर्सत नहीं मिलतीलोग ना जाने किसको खुदा कहते हैदिल में रखा हैं उनको फिर भीजाने क्यों लोग हमें जुदा कहते है।
इश्क़ की बंदगी दी है तो हुस्न की इबादत जरूरी हैइश्क़ की बंदगी दी है तो हुस्न की इबादत जरूरी हैइश्क़ से जीने की आस रहेगी और हुस्न से तड़प का सकून
मैं फ़रमाईश हूँ उसकीमैं फ़रमाईश हूँ उसकी, वो इबादत है मेरीइतनी आसानी से कैसे निकाल दूँ उसे अपने दिल सेमैं ख्वाब हूँ उसका, वो हकीकत है मेरी
इबादत की खुशबू पहुँचे तुम तकइबादत की खुशबू पहुँचे तुम तक, अपने यकीन का इम्तिहान कर दूँआज मैं अपने अश्क को गंगा, और इश्क को कुरान कर दूँ