इश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों सेइश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों सेएक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं
यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इंतेहायह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इंतेहाकि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से