आरजू में तेरी दीवाने हो गएआरजू में तेरी दीवाने हो गएतुझ से दोस्ती करते करते औरों से बेगाने हो गएकर दे कोई तो sms इस नाचीज़ कोतेरे भी बकवास sms पढ़े ज़माने हो गए
आरजू की थी इक आशियाने कीआरजू की थी इक आशियाने कीआंधियां चल पड़ी ज़माने कीमेरे ग़म को कोई समझ ना पायाक्योंकि मुझे आदत थी मुस्कुराने की!
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हमयह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हमन तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हमजिसको जितना याद करते हैंउसे भी उतना याद आयें हम
कोई मलाल कोई आरजू नहीं करताकोई मलाल कोई आरजू नहीं करतातुम्हारे बाद यह दिल गुफ्तगू नहीं करताकोई न कोई चीज़ मेरी टूट जाती हैतुम्हारी याद से जब भी वज़ू नहीं करताअनुवादवज़ू = पवित्